MLA Salary Hike: दिल्ली विधानसभा में एक बार फिर विधायकों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी की चर्चा जोरों पर है। इस बार खास बात यह है कि आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों इस प्रस्ताव पर सहमत नजर आ रही हैं। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस मुद्दे पर चर्चा कराई और पांच सदस्यीय एडहॉक कमेटी का गठन किया, जो 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
वेतन बढ़ाने पर AAP और BJP की सहमति
दिल्ली विधानसभा में पहली बार ऐसा हुआ है जब आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के विधायक किसी प्रस्ताव पर एकमत नजर आए हैं। आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने कहा कि दिल्ली के विधायकों का वेतन देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है। उन्होंने सुझाव दिया कि अन्य राज्यों की विधानसभाओं का अध्ययन कर दिल्ली के विधायकों का वेतन उसी अनुपात में तय किया जाना चाहिए।
भाजपा विधायक कुलवंत राणा और अनिल झा ने भी वेतन वृद्धि का समर्थन किया। अनिल झा ने यह मांग भी उठाई कि पूर्व विधायकों की पेंशन में सुधार किया जाना चाहिए ताकि उन्हें सम्मानजनक जीवन यापन मिल सके। दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद ने भी इस मामले को गंभीरता से लेने की बात कही और आश्वासन दिया कि एडहॉक समिति के माध्यम से निष्पक्ष रूप से इस पर निर्णय लिया जाएगा।
फिलहाल कितना है दिल्ली के विधायकों का वेतन?
वर्तमान में दिल्ली के विधायकों को 90,000 मासिक वेतन मिल रहा है। मार्च 2023 में इसमें करीब 67% की बढ़ोतरी की गई थी। इससे पहले विधायकों को ₹54,000 वेतन मिलता था। जुलाई 2022 में दिल्ली विधानसभा में विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री के वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद मार्च 2023 में अधिसूचित किया गया था।
अब एक बार फिर वेतन में वृद्धि की चर्चा जोरों पर है और सरकार का मानना है कि जनप्रतिनिधियों को बेहतर संसाधन और सम्मानजनक वेतन मिलना जरूरी है।
वेतन बढ़ोतरी के साथ मिलेंगी ये सुविधाएं
इस बार सिर्फ विधायकों की सैलरी ही नहीं, बल्कि उनके लिए नई सुविधाएं भी प्रस्तावित की गई हैं।
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डाटा एंट्री ऑपरेटरों की संख्या और वेतन में बढ़ोतरी
– अभी तक विधायकों को दो डाटा एंट्री ऑपरेटर मिलते थे, लेकिन अब इसे चार करने का प्रस्ताव रखा गया है।
– भाजपा विधायक सूर्य प्रकाश खत्री ने मांग की है कि ऑपरेटरों का वेतन ₹15,000 से बढ़ाकर ₹18,000 किया जाए। -
पूर्व विधायकों की पेंशन में संशोधन
– पूर्व विधायकों की पेंशन में वृद्धि की भी मांग उठाई गई है, ताकि वे सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें। -
विधायकों के लिए अतिरिक्त संसाधन
– विधायकों को अधिक संसाधन उपलब्ध कराने पर भी चर्चा की गई, जिससे वे अपने क्षेत्र में बेहतर काम कर सकें।
ई-विधानसभा की ओर बढ़ते कदम
बजट सत्र के तीसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि आगामी मानसून सत्र से दिल्ली विधानसभा पूरी तरह कागज रहित (Paperless) हो जाएगी।
ई-विधानसभा के फायदे:
✅ विधानसभा की कार्यवाही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चलेगी।
✅ कागज की खपत खत्म होगी, जिससे पर्यावरण को लाभ मिलेगा।
✅ कार्यप्रणाली अधिक पारदर्शी और तेज होगी।
✅ विधायकों को डिजिटल प्रणाली का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
22 मार्च को दिल्ली विधानसभा ने भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना का संपूर्ण खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी।